भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल

परिचय

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल डोनो ही टीम, जो फाइनल में खेल रही हैं, वे फाइनल मैच को जीतने के लिए लगातार और अथक प्रयास करती रहेंगी। वे निश्चित रूप से फाइनल मुकाबले को जीतने का हर संभव प्रयास करेंगी, इसमें कोई संदेह नहीं है। दोनों टीमें इस प्रतिष्ठित फाइनल मुकाबले को अपने नाम करने के लिए बार-बार कोशिश करती रहेंगी। ठीक उसी तरह, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की टीम अपराजेय बनी रही थी। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में भारत का प्रदर्शन बहुत ही शानदार रहा था, और उस टूर्नामेंट में भारत को हराना लगभग असंभव था। भारत ने उस प्रतियोगिता में अद्भुत कौशल और टीम वर्क का प्रदर्शन करते हुए अजय रहने का गौरव प्राप्त किया था।

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम न्यूजीलैंड

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने के लिए मैदान में उतरी न्यूजीलैंड की टीम की शुरुआत अच्छी रही। टीम को एक ठोस और सकारात्मक आगाज मिला। शुरुआती बल्लेबाज, खासकर ओपनर बल्लेबाज विल यंग और रचिन रवींद्र, दोनों ने मिलकर टीम को एक अच्छी शुरुआत दी और स्कोर को आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर पहले विकेट के लिए 7.5 ओवरों तक बल्लेबाजी की और इस दौरान 57 रनों की साझेदारी की, जिससे टीम की स्थिति मजबूत हुई।

हालांकि, यह साझेदारी ज्यादा देर तक नहीं चल पाई और विल यंग 23 गेंदों का सामना करते हुए केवल 15 रन बनाकर आउट हो गए, जिससे न्यूजीलैंड को पहला झटका लगा। उनकी पारी भले ही लम्बी न रही हो, लेकिन उन्होंने रचिन रवींद्र के साथ मिलकर एक उपयोगी शुरुआत दी।वाह! किसी टीम ने सचमुच पावरप्ले में बहुत शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने पावरप्ले के दौरान अविश्वसनीय रूप से 69 रन बनाए हैं, जो कि एक बहुत ही प्रभावशाली स्कोर है।

रचिन रवीन्द्रा बल्लेबाजी

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल युवा बल्लेबाज़ रचिन रवीन्द्रा, जो दूसरे विकेट के लिए क्रीज़ पर आए थे, अपनी बल्लेबाजी का प्रदर्शन कर रहे थे। वह भारतीय गेंदबाज़ों का सामना करते हुए रन बनाने की कोशिश में लगे हुए थे। पारी के 10वें ओवर की समाप्ति के बाद, 10.1 ओवर में, भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव ने अपनी फिरकी का जादू दिखाया और रचिन रवीन्द्रा को बोल्ड कर दिया। यह एक महत्वपूर्ण विकेट था क्योंकि रचिन रवीन्द्रा कुछ अच्छे शॉट लगा रहे थे।

रचिन रवीन्द्रा ने अपनी पारी में 29 गेंदों का सामना किया और इस दौरान उन्होंने 4 शानदार चौके लगाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने एक लंबा छक्का भी मारा, जिससे दर्शकों का मनोरंजन हुआ। इन चौकों और छक्कों की मदद से रचिन रवीन्द्रा ने कुल 37 रन बनाए। उनकी यह पारी भले ही छोटी रही, लेकिन इसमें कुछ आकर्षक शॉट देखने को मिले। कुलदीप यादव की इस सफलता से भारतीय टीम को महत्वपूर्ण सफलता मिली और मैच में रोमांच बढ़ गया।

रचिन के आउट होने के तुरंत बाद ही टीम के तीन विकेट बहुत ही जल्दी गिर गए, जिससे टीम पर दबाव आ गया। रचिन के आउट होने के बाद टीम को संभालने की जिम्मेदारी बल्लेबाजों पर थी, लेकिन ऐसा हो ना सका और विकेट लगातार गिरते रहे। उसी दौरान केन विलियमसन भी केवल 11 रन बनाकर पवेलियन लौट गए, जिससे टीम को और भी बड़ा झटका लगा।

केन विलियमसन एक अनुभवी बल्लेबाज हैं और उनसे टीम को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वो भी जल्दी आउट हो गए। कुलदीप यादव ने उन्हें अपनी फिरकी में फंसाया और शानदार गेंदबाज़ी करते हुए कोटान बोल्ड कर दिया। यह कुलदीप यादव की एक महत्वपूर्ण विकेट थी, जिसने मैच में उनकी टीम की पकड़ मजबूत कर दी।

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल डेरिल मिशेल के 50 से न्यूज़ीलैंड मजबूट

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल

न्यूजीलैंड की टीम जब संकट में थी, और उनके शुरुआती तीन विकेट जल्दी गिर गए थे, तब डेरिल मिशेल एक मजबूत स्तंभ की तरह टीम का सहारा बने। वे टीम के लिए एक उम्मीद की किरण लेकर आए, और उन्होंने जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की। मिशेल ने न केवल टीम को संभाला, बल्कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि न्यूजीलैंड एक प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंच सके। उनकी पारी टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण थी, खासकर तब जब शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। अपनी बल्लेबाजी के दौरान, मिशेल ने संयम और दृढ़ता का प्रदर्शन किया।

उन्होंने 101 गेंदों का सामना किया, और इस दौरान 3 चौके लगाए। इन चौकों की मदद से उन्होंने कुल 63 रन बनाए, जो टीम के स्कोर को सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाने में सहायक साबित हुए। उनकी यह अर्धशतकीय पारी मुश्किल परिस्थितियों में खेली गई एक बेहतरीन पारी थी, जिसने टीम को मुश्किल से निकाला।न्यूजीलैंड की टीम के बल्लेबाजों के प्रदर्शन की बात करें तो, उस पारी में एक महत्वपूर्ण समय पर 4 विकेट गिरने के बाद टॉम लैथम बल्लेबाजी के लिए आए थे। लैथम ने क्रीज पर कुछ समय बिताया और उन्होंने कुल 14 रन बनाए।

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, दुर्भाग्यवश, लैथम ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए और वह आउट हो गए। लैथम के आउट होने के तुरंत बाद, ग्लेन फिलिप्स को बल्लेबाजी करने का मौका मिला। ग्लेन फिलिप्स ने पारी को संभालने की कोशिश की और उन्होंने 52 गेंदों का सामना किया। उनकी पारी में उन्होंने समान रूप से रन बनाने का प्रयास किया। फिलिप्स ने अपनी पारी में 2 चौके और 1 छक्का लगाया, जिसकी मदद से उन्होंने कुल 34 रन बनाए।

माइकल ब्रेसवेल ने हरफनमौला खेल दिखा

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल माइकल ब्रेसवेल ने बेहतरीन हरफनमौला खेल का प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से ही महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने मैच के आखिरी ओवर में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए टीम के लिए बहुमूल्य रन बटोरे। रनों की जरूरत को समझते हुए, माइकल ब्रेसवेल ने रन बनाने का जिम्मा अपने कंधों पर लिया और बखूबी निभाया। इस शानदार पारी में माइकल ब्रेसवेल ने 40 गेंदों का सामना किया और अपनी पारी को आगे बढ़ाया। उन्होंने अपनी इस महत्वपूर्ण पारी में 3 शानदार चौके लगाए, जिससे टीम के स्कोर में तेजी आई।

इसके साथ ही उन्होंने 2 बेहतरीन छक्के भी जड़े, जो दर्शकों के लिए मनोरंजक रहे। इन चौकों और छक्कों की मदद से माइकल ब्रेसवेल ने कुल 52 रन बनाए। अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी के कारण वह अंत तक नॉट आउट रहे, जिससे टीम को एक मजबूत स्कोर तक पहुंचने में मदद मिली। इस प्रकार, माइकल ब्रेसवेल का हरफनमौला प्रदर्शन टीम के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हुआ।वही टीम का स्कोर 251-7 (50 ओवर)

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल लक्ष्य का पीछा करने के लिए टीम इंडिया

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल लक्ष्य का पीछा करते हुए, यूटीआई टीम इंडिया के शुरुआती बल्लेबाजों, विशेष रूप से रोहित शर्मा या सुभमन गिल में से किसी एक ने इंडियन टीम को एक मजबूत और अच्छी शुरुआत प्रदान की। जहां एक तरफ रोहित शर्मा ने सधी हुई और संभलकर बल्लेबाजी करी, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने 10 ओवरों के खेल में टीम के स्कोर को 64 रन तक पहुंचाया। खेल के शुरुआती क्षणों में, दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर पहले विकेट के लिए एक महत्वपूर्ण 105 रन की साझेदारी निभाई

जिसने टीम को स्थिरता प्रदान की और आगे के बल्लेबाजों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया। इस साझेदारी ने भारतीय टीम को आत्मविश्वास दिया और लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद की। दोनों बल्लेबाजों ने क्रीज पर जमे रहकर विपक्षी टीम के गेंदबाजों पर दबाव बनाए रखा, जिससे टीम इंडिया को एक सकारात्मक शुरुआत मिली।सुभान गिल, वही खिलाड़ी जो अपनी शानदार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं, आज आउट हो गए।

उन्होंने अपनी पारी में 50 गेंदों का सामना किया। दुर्भाग्यवश, इस पारी में उनका प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। उन्होंने अपनी 50 गेंदों की पारी के दौरान केवल एक छक्का लगाया। इस एक छक्के की मदद से उन्होंने कुल 31 रन बनाए। इस प्रकार, सुभान गिल 31 रन बनाकर आउट हो गए, जिसमें एक छक्का शामिल था और जिसके लिए उन्होंने 50 गेंदें खेलीं।

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल रोहित शर्मा की कप्तानी पारी

रोहित शर्मा की कप्तानी वाली पारी बेहद शानदार रही। एक छोर से रोहित शर्मा ने न्यूजीलैंड के बोलर पर ताबड़तोड़ प्रहार किया, जिससे उन पर दबाव बना रहा। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए रोहित शर्मा ने पावर प्ले के दौरान ही अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। इस अर्धशतक के साथ ही उन्होंने टीम को एक मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया, जिससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ा। रोहित शर्मा ने कुल 83 गेंदों का सामना किया और 7 चौके लगाए। इसके अलावा, उन्होंने 3 शानदार छक्के भी जड़े, जिससे दर्शकों का खूब मनोरंजन हुआ। इन चौकों और छक्कों की मदद से रोहित शर्मा ने 76 रन बनाए और टीम के स्कोर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

लगातार तीन विकेट गिरने से टीम इंडिया पर दबाव बन गया था। एक के बाद एक तीन विकेट जल्दी गिर जाने के कारण भारतीय टीम मुश्किल में दिखाई दे रही थी। ऐसे नाजुक समय में, श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल ने मिलकर टीम को संभाला और आगे बढ़ाने का प्रयास किया। उन्होंने साझेदारी करके टीम को संकट से निकालने की कोशिश की। श्रेयस अय्यर ने धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी करते हुए 62 गेंदों का सामना किया।

अपनी पारी में उन्होंने 2 चौके और 2 छक्के लगाए। इन चौकों और छक्कों की मदद से श्रेयस अय्यर ने कुल 48 रन बनाए। दूसरी ओर, अक्षर पटेल ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। अक्षर पटेल ने 40 गेंदों पर बल्लेबाजी करते हुए 1 चौका और 1 छक्का लगाया। इस दौरान उन्होंने 29 रन बनाकर टीम को संभालने में मदद की। श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल की इस साझेदारी ने टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत बनाम न्यूज़ीलैंड, फ़ाइनल केएल राहुल, जो विकेटकीपर की भूमिका निभा रहे थे, उन्होंने महत्वपूर्ण पांच विकेट लेने में हार्दिक पंड्या का भरपूर साथ दिया। दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर टीम की जीत की नींव रखी। केएल राहुल ने धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी करते हुए 33 गेंदों का सामना किया और नाबाद रहे। अपनी इस पारी में उन्होंने केवल एक चौका और एक छक्का लगाया, जिसकी बदौलत उन्होंने कुल 34 रन बनाए। दूसरी तरफ, हार्दिक पंड्या ने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने की कोशिश की।

उन्होंने 18 गेंदों का सामना करते हुए एक चौका और एक छक्का लगाया। इस प्रयास में वे 18 रन बनाने में सफल रहे। दुर्भाग्यवश, हार्दिक पंड्या 18 रन बनाकर आउट हो गए और टीम को छठा झटका लगा। इसके बाद सर रविंद्र जडेजा क्रीज पर आए और उन्होंने समझदारी से बल्लेबाजी करते हुए मैच को समाप्त किया। उनकी बेहतरीन प्रदर्शन के कारण टीम आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी का फाइनल जीतने में कामयाब रही। यह जीत टीम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, जिसका जश्न खिलाड़ियों और समर्थकों ने मिलकर मनाया। केएल राहुल और हार्दिक पंड्या की साझेदारी और जडेजा का अंत में मैच जिताना सराहनीय रहा।

टीम इंडिया ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराया

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
happ holi Royal Challengers Bengaluru Women vs Gujarat Giants Women, 12th Match The Extraordinary Journey of Virat Kohli टीम इंडिया कबड्डी: भारत का सबसे महान फुटबॉलर कौन है रोहित शर्मा को शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ मैच चुना गया